आवलि: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) व्यवहार काल का एक भेद । इसमें असंख्यात समय होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 3.12, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 7.19 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) व्यवहार काल का एक भेद । इसमें असंख्यात समय होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 3.12, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_7#19|हरिवंशपुराण - 7.19]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र संबंधी पद्मक नगर के निवासी गणितज्ञ राम का एक धनी शिष्य । चंद्र इसका सहपाठी था । गुरु ने दोनों में फूट डाल दी । इसका परिणाम यह हुआ कि चंद्र ने इसे मार दिया । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.114-115 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र संबंधी पद्मक नगर के निवासी गणितज्ञ राम का एक धनी शिष्य । चंद्र इसका सहपाठी था । गुरु ने दोनों में फूट डाल दी । इसका परिणाम यह हुआ कि चंद्र ने इसे मार दिया । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#114|पद्मपुराण - 5.114-115]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
(1) व्यवहार काल का एक भेद । इसमें असंख्यात समय होते हैं । महापुराण 3.12, हरिवंशपुराण - 7.19
(2) जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र संबंधी पद्मक नगर के निवासी गणितज्ञ राम का एक धनी शिष्य । चंद्र इसका सहपाठी था । गुरु ने दोनों में फूट डाल दी । इसका परिणाम यह हुआ कि चंद्र ने इसे मार दिया । पद्मपुराण - 5.114-115