आवलि
From जैनकोष
(1) व्यवहार काल का एक भेद । इसमें असंख्यात समय होते हैं । महापुराण 3.12, हरिवंशपुराण - 7.19
(2) जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र संबंधी पद्मक नगर के निवासी गणितज्ञ राम का एक धनी शिष्य । चंद्र इसका सहपाठी था । गुरु ने दोनों में फूट डाल दी । इसका परिणाम यह हुआ कि चंद्र ने इसे मार दिया । पद्मपुराण - 5.114-115