अप्: Difference between revisions
From जैनकोष
(New page: - दे.जल।<br>Category:अ <br>) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(6 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
- | <span class="GRef"> ज्ञानार्णव/29/20 </span><span class="SanskritGatha"> अर्द्धचंद्रसमाकारं वारुणाक्षरलक्षितम् । स्फुरत्सुधांबुसंसिक्तं चंद्राभं वारुणं पुरम् ।20। </span>=<span class="HindiText">आकार तो आधे चंद्रमा के समान, वारुण बीजाक्षर से चिह्नित और स्फुरायमान अमृतस्वरूप जल से सींचा हुआ ऐसा चंद्रमा सरीखा शुक्लवर्ण वरुणपुर है। यह '''अप्'''-मंडल का स्वरूप कहा।<br /> | ||
<p class="HindiText">- देखें [[ जल ]]।</p> | |||
<noinclude> | |||
[[ अपौरुषेय | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ अप्काय | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: अ]] | |||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 19:04, 24 December 2022
ज्ञानार्णव/29/20 अर्द्धचंद्रसमाकारं वारुणाक्षरलक्षितम् । स्फुरत्सुधांबुसंसिक्तं चंद्राभं वारुणं पुरम् ।20। =आकार तो आधे चंद्रमा के समान, वारुण बीजाक्षर से चिह्नित और स्फुरायमान अमृतस्वरूप जल से सींचा हुआ ऐसा चंद्रमा सरीखा शुक्लवर्ण वरुणपुर है। यह अप्-मंडल का स्वरूप कहा।
- देखें जल ।