सांतर स्थिति: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(3 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef"> गोम्मटसार कर्मकांड/ भाषा/945,946/2054-2055</span><p class="HindiText"> सांतरस्थिति उत्कृष्ट स्थिति तै लगाय-जघन्य स्थिति पर्यंत एक-एक समय घाटिका अनुक्रम लिये जो निरंतर स्थिति के भेद...(945/2054)। '''सांतर स्थिति'''-सांतर कहिए एक समय घाटिके नियम करि रहित ऐसे स्थिति के भेद।</p><br> | |||
<span class="GRef"> क्षपणासार/ भाषा/583/695/16</span><br> <p class="HindiText">गुणश्रेणि आयाम के ऊपरवर्ती जिनि प्रदेशनिका पूर्वै अभाव किया था तिनिका प्रमाण रूप अंतरस्थिति है।</p><br> | |||
[[ | <p class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ स्थिति#1 | स्थिति - 1]]।</p> | ||
[[Category:स]] | <noinclude> | ||
[[ सांतर मार्गणा | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ सांतरबंधी प्रकृति | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: स]] | |||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 17:20, 21 February 2024
गोम्मटसार कर्मकांड/ भाषा/945,946/2054-2055
सांतरस्थिति उत्कृष्ट स्थिति तै लगाय-जघन्य स्थिति पर्यंत एक-एक समय घाटिका अनुक्रम लिये जो निरंतर स्थिति के भेद...(945/2054)। सांतर स्थिति-सांतर कहिए एक समय घाटिके नियम करि रहित ऐसे स्थिति के भेद।
क्षपणासार/ भाषा/583/695/16
गुणश्रेणि आयाम के ऊपरवर्ती जिनि प्रदेशनिका पूर्वै अभाव किया था तिनिका प्रमाण रूप अंतरस्थिति है।
अधिक जानकारी के लिये देखें स्थिति - 1।