लोभत्याग: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
|||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> सत्यव्रत की पाँच भावनाओं में दूसरी भावना । इसमें लोभ का त्याग करना होता है । जो ऐसा नहीं करते वे नरक जाते हैं । इसके लिए संतोषवृत्ति अपेक्षित होती है । महापुराण 20.162, 36, 129, 70.129</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> सत्यव्रत की पाँच भावनाओं में दूसरी भावना । इसमें लोभ का त्याग करना होता है । जो ऐसा नहीं करते वे नरक जाते हैं । इसके लिए संतोषवृत्ति अपेक्षित होती है । <span class="GRef"> महापुराण 20.162, 36, 129, 70.129 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: ल]] | [[Category: ल]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
सत्यव्रत की पाँच भावनाओं में दूसरी भावना । इसमें लोभ का त्याग करना होता है । जो ऐसा नहीं करते वे नरक जाते हैं । इसके लिए संतोषवृत्ति अपेक्षित होती है । महापुराण 20.162, 36, 129, 70.129