लोभत्याग
From जैनकोष
सत्यव्रत की पाँच भावनाओं में दूसरी भावना । इसमें लोभ का त्याग करना होता है । जो ऐसा नहीं करते वे नरक जाते हैं । इसके लिए संतोषवृत्ति अपेक्षित होती है । महापुराण 20.162, 36, 129, 70.129
सत्यव्रत की पाँच भावनाओं में दूसरी भावना । इसमें लोभ का त्याग करना होता है । जो ऐसा नहीं करते वे नरक जाते हैं । इसके लिए संतोषवृत्ति अपेक्षित होती है । महापुराण 20.162, 36, 129, 70.129