मगन रहु रे! शुद्धातममें मगन रहु रे: Difference between revisions
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Latest revision as of 22:51, 15 February 2008
मगन रहु रे! शुद्धातममें मगन रहु रे
रागदोष परकी उतपात, निहचै शुद्ध चेतनाजात।।मगन. ।।१ ।।
विधि निषेधको खेद निवारि, आप आपमें आप निहारि ।।मगन. ।।२ ।।
बंध मोक्ष विकलप करि दूर, आनँदकन्द चिदातम सूर ।।मगन. ।।३ ।।
दरसन ज्ञान चरन समुदाय, `द्यानत' ये ही मोक्ष उपाय ।।मगन. ।।४ ।।