गौतम स्वामीजी मोहि वानी तनक सुनाई: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 8: | Line 8: | ||
[[Category:Bhajan]] | [[Category:Bhajan]] | ||
[[Category:द्यानतरायजी]] | [[Category:द्यानतरायजी]] | ||
[[Category: | [[Category:शास्त्र भक्ति ]] |
Latest revision as of 02:21, 16 February 2008
गौतम स्वामीजी मोहि वानी तनक सुनाई
जैसी वानी तुमने जानी, तैसी मोहि बताई।।गौतम. ।।१ ।।
जा वानीतैं श्रेणिक समझ्यो, क्षायक समकित पाई।।गौतम.।।२ ।।
`द्यानत' भूप अनेक तरे हैं, वानी सफल सुहाई।।गौतम.।।३ ।।