मूलगुण: Difference between revisions
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<li class="HindiText"> श्रावक के अष्ट | <li class="HindiText"> श्रावक के अष्ट मूलगुण- देखें [[ श्रावक#4 | श्रावक - 4]] । </li> | ||
<li class="HindiText"> साधु के 28 | <li class="HindiText"> साधु के 28 मूलगुण- देखें [[ साधु#2.2 | साधु - 2.2 ]]। </li> | ||
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<div class="HindiText"> <p> साधु-चर्या के आगमोक्त अट्ठाईस नियम । <span class="GRef"> महापुराण 18.70-72, 36133-135, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 18.74-76 </span | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> साधु-चर्या के आगमोक्त अट्ठाईस नियम । <span class="GRef"> महापुराण 18.70-72, 36133-135, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 18.74-76 </span> देखें -[[ मुनि ]]</p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- भगवती आराधना/विजयोदया टीका/116- 277/3- उत्तरगुणानां कारणत्वान्मूलगुणव्यपदेशो व्रतेषु वर्तते । = अनशनादि तप उत्तर गुण हैं- देखें उत्तरगुण । उनके कारण होने से व्रतों में मूलगुण का व्यपदेश होता है ।
- श्रावक के अष्ट मूलगुण- देखें श्रावक - 4 ।
- साधु के 28 मूलगुण- देखें साधु - 2.2 ।
पुराणकोष से
साधु-चर्या के आगमोक्त अट्ठाईस नियम । महापुराण 18.70-72, 36133-135, वीरवर्द्धमान चरित्र 18.74-76 देखें -मुनि