वरिष्ठ: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> समवसरण के तीसरे कोट में स्फटिक मणियों से बने चार खंड वाले दक्षिण-गोपुर के आठ नामों में चौथा नाम । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 57.58 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> समवसरण के तीसरे कोट में स्फटिक मणियों से बने चार खंड वाले दक्षिण-गोपुर के आठ नामों में चौथा नाम । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_57#58|हरिवंशपुराण - 57.58]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
समवसरण के तीसरे कोट में स्फटिक मणियों से बने चार खंड वाले दक्षिण-गोपुर के आठ नामों में चौथा नाम । हरिवंशपुराण - 57.58