रोहिणीव्रत: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1">प्रतिवर्ष रोहिणी नक्षत्र के दिन उपवास करे। तथा उस दिन वासुपूज्य भगवान् की पूजन तथा नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। इसका अपरनाम अशोक रोहिणी है।</div><span class="GRef">( वसुनंदी श्रावकाचार/363-365 ); (धर्मपरीक्षा/20/19-20); (व्रत विधान सं./92)। </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">प्रतिवर्ष रोहिणी नक्षत्र के दिन उपवास करे। तथा उस दिन वासुपूज्य भगवान् की पूजन तथा नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। इसका अपरनाम अशोक रोहिणी है।</div><span class="GRef">( वसुनंदी श्रावकाचार/363-365 ); (धर्मपरीक्षा/20/19-20); (व्रत विधान सं./92)। </span></p> | ||
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प्रतिवर्ष रोहिणी नक्षत्र के दिन उपवास करे। तथा उस दिन वासुपूज्य भगवान् की पूजन तथा नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। इसका अपरनाम अशोक रोहिणी है।
( वसुनंदी श्रावकाचार/363-365 ); (धर्मपरीक्षा/20/19-20); (व्रत विधान सं./92)।