वरुण: Difference between revisions
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<li> लोकपाल देवों का एक भेद - | <li> लोकपाल देवों का एक भेद - देखें - [[ लोकपाल | लोकपाल । ]]</li> | ||
<li> मल्लिनाथ का शासक यक्ष - | <li> मल्लिनाथ का शासक यक्ष - देखें - [[ तीर्थंकर#5.3 | तीर्थंकर / ५ / ३ ]]। </li> | ||
<li> दक्षिण वारुणीवर द्वीप का रक्षक देव - | <li> दक्षिण वारुणीवर द्वीप का रक्षक देव - देखें - [[ व्यन्त#4 | व्यन्त / ४ ]]। </li> | ||
<li> किजयार्ध के दक्षिण में स्थित एक पर्वत दे. - मनुष्य । ४ । </li> | <li> किजयार्ध के दक्षिण में स्थित एक पर्वत दे. - मनुष्य । ४ । </li> | ||
<li> प.पु./१९/५९-६१ रसातल का राजा था । रावण के साथ युद्ध होने पर हनुमान् ने इसके सौ पुत्रों को बाँध लिया और अन्त में इसकी भी पकड़ लिया । </li> | <li> प.पु./१९/५९-६१ रसातल का राजा था । रावण के साथ युद्ध होने पर हनुमान् ने इसके सौ पुत्रों को बाँध लिया और अन्त में इसकी भी पकड़ लिया । </li> | ||
<li> भद्रशाल वन में कुमुद व पलाशगिरि नामक दिग्गजेन्द्र पर्वतों के स्वामी देव - | <li> भद्रशाल वन में कुमुद व पलाशगिरि नामक दिग्गजेन्द्र पर्वतों के स्वामी देव - देखें - [[ लोक#3.12 | लोक / ३ / १२ ]]। </li> | ||
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Revision as of 15:25, 6 October 2014
- लोकपाल देवों का एक भेद - देखें - लोकपाल ।
- मल्लिनाथ का शासक यक्ष - देखें - तीर्थंकर / ५ / ३ ।
- दक्षिण वारुणीवर द्वीप का रक्षक देव - देखें - व्यन्त / ४ ।
- किजयार्ध के दक्षिण में स्थित एक पर्वत दे. - मनुष्य । ४ ।
- प.पु./१९/५९-६१ रसातल का राजा था । रावण के साथ युद्ध होने पर हनुमान् ने इसके सौ पुत्रों को बाँध लिया और अन्त में इसकी भी पकड़ लिया ।
- भद्रशाल वन में कुमुद व पलाशगिरि नामक दिग्गजेन्द्र पर्वतों के स्वामी देव - देखें - लोक / ३ / १२ ।