मृषानंद: Difference between revisions
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Revision as of 16:29, 5 July 2020
रौद्रध्यान का दूसरा भेद । झूठ बोलने में आनन्द मनाना मृषानन्द कहलाता है । कठोर वचन आदि इसके बाह्य चिह्न हैं । महापुराण 21. 50, हरिवंशपुराण 56.21, 23