विस्तारसम्यक्त्व: Difference between revisions
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<p> सम्यक्त्व के दस भेदों में सातवां भेद । जीव आदि पदार्थों का विस्तृत कथन सुनकर प्रमाण और नयों के द्वारा धर्म ने उत्पन्न हुआ श्रद्धान विस्तार-सम्यक्त्व कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 74.439-440, 445-446, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 19.141, 149 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सम्यक्त्व के दस भेदों में सातवां भेद । जीव आदि पदार्थों का विस्तृत कथन सुनकर प्रमाण और नयों के द्वारा धर्म ने उत्पन्न हुआ श्रद्धान विस्तार-सम्यक्त्व कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 74.439-440, 445-446, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 19.141, 149 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
सम्यक्त्व के दस भेदों में सातवां भेद । जीव आदि पदार्थों का विस्तृत कथन सुनकर प्रमाण और नयों के द्वारा धर्म ने उत्पन्न हुआ श्रद्धान विस्तार-सम्यक्त्व कहलाता है । महापुराण 74.439-440, 445-446, वीरवर्द्धमान चरित्र 19.141, 149