विस्तारसम्यक्त्व
From जैनकोष
सम्यक्त्व के दस भेदों में सातवां भेद । जीव आदि पदार्थों का विस्तृत कथन सुनकर प्रमाण और नयों के द्वारा धर्म में उत्पन्न हुआ श्रद्धान विस्तार-सम्यक्त्व कहलाता है । महापुराण 74.439-440, 445-446, वीरवर्द्धमान चरित्र 19.141, 149