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<p> राजा का एक भेद । मध्यस्थ रहकर निष्पक्ष भाव हैं मित्र और शत्रु सभी को निरपराधी बनाने की इच्छा से सब पर समान दृष्टि रखने वाला राजा । <span class="GRef"> महापुराण 42.200-201 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> राजा का एक भेद । मध्यस्थ रहकर निष्पक्ष भाव हैं मित्र और शत्रु सभी को निरपराधी बनाने की इच्छा से सब पर समान दृष्टि रखने वाला राजा । <span class="GRef"> महापुराण 42.200-201 </span></p> | ||
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Revision as of 16:58, 14 November 2020
राजा का एक भेद । मध्यस्थ रहकर निष्पक्ष भाव हैं मित्र और शत्रु सभी को निरपराधी बनाने की इच्छा से सब पर समान दृष्टि रखने वाला राजा । महापुराण 42.200-201