पुंड्र: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> वृषभदेव की प्ररेणा से इंद्र द्वारा निर्मित गौड (वंग) देश । वृषभदेव ने यहाँ के भव्य जीवों को संबोधित किया था । <span class="GRef"> महापुराण 16.143-152, 25.287-288, 29.41 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> वृषभदेव की प्ररेणा से इंद्र द्वारा निर्मित गौड (वंग) देश । वृषभदेव ने यहाँ के भव्य जीवों को संबोधित किया था । <span class="GRef"> महापुराण 16.143-152, 25.287-288, 29.41 </span></p> | ||
<p id="2">(2) आकार में लंबे और मीठे पौंडे (गन्ना) । <span class="GRef"> महापुराण 3.203 </span></p> | <p id="2">(2) आकार में लंबे और मीठे पौंडे (गन्ना) । <span class="GRef"> महापुराण 3.203 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:55, 14 November 2020
वृषभदेव की प्ररेणा से इंद्र द्वारा निर्मित गौड (वंग) देश । वृषभदेव ने यहाँ के भव्य जीवों को संबोधित किया था । महापुराण 16.143-152, 25.287-288, 29.41
(2) आकार में लंबे और मीठे पौंडे (गन्ना) । महापुराण 3.203