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<p id="1"> (1) भवनवासी देवों का इंद्र । यह महावीर को प्राप्त केवलज्ञान की पूजा के लिए आया था <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 14.54-58 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भवनवासी देवों का इंद्र । यह महावीर को प्राप्त केवलज्ञान की पूजा के लिए आया था <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 14.54-58 </span></p> | ||
<p id="2">(2) इक्षुवर द्वीप का रक्षक देव । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.643 </span></p> | <p id="2">(2) इक्षुवर द्वीप का रक्षक देव । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.643 </span></p> | ||
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Revision as of 16:55, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
- क्षौद्रवर समुद्र का रक्षक व्यंतरदेव ( तिलोयपण्णत्ति )-देखें व्यंतर - 4,
- इक्षुवर द्वीप का रक्षक व्यंतरदेव ( हरिवंशपुराण )-देखें व्यतंर - 4।
पुराणकोष से
(1) भवनवासी देवों का इंद्र । यह महावीर को प्राप्त केवलज्ञान की पूजा के लिए आया था वीरवर्द्धमान चरित्र 14.54-58
(2) इक्षुवर द्वीप का रक्षक देव । हरिवंशपुराण 5.643