कूटलेखक्रिया: Difference between revisions
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Revision as of 23:49, 27 July 2022
सत्याणुव्रत का एक अतिचार-जो बात दूसरे ने नहीं लिखायी उसे उसके नाम पर स्वयं लिख देना । हरिवंशपुराण 58.167