चांद्रीचर्या: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: च]] | [[Category: च]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Revision as of 16:43, 12 May 2023
मुनि की आहारचर्या जैसे चंद्रमा धनी और निर्धन सबके यहाँ चाँदनी फैलाता है वैसे ही मुनि भी आहार के लिए निर्धन-धनिक सभी के घर जाता है । वृषभदेव इसी चर्या से आहार लेते थे । महापुराण 20.67-68, हरिवंशपुराण 9.144, 173