चांद्रीचर्या
From जैनकोष
मुनि की आहारचर्या जैसे चंद्रमा धनी और निर्धन सबके यहाँ चाँदनी फैलाता है वैसे ही मुनि भी आहार के लिए निर्धन-धनिक सभी के घर जाता है । वृषभदेव इसी चर्या से आहार लेते थे । महापुराण 20.67-68, हरिवंशपुराण - 9.144,हरिवंशपुराण - 9.173