लोभत्याग: Difference between revisions
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Revision as of 21:12, 24 December 2022
सत्यव्रत की पाँच भावनाओं में दूसरी भावना । इसमें लोभ का त्याग करना होता है । जो ऐसा नहीं करते वे नरक जाते हैं । इसके लिए संतोषवृत्ति अपेक्षित होती है । महापुराण 20.162, 36, 129, 70.129