द्वितीयावली: Difference between revisions
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<span class="GRef">गोम्मटसार कर्मकांड अर्थ संदृष्टि/पृष्ठ/24</span><p class="HindiText">= उदयावली बहुरि (आबाधा काल भये पीछे) आवली विषैं आवने योग्य समूह तो उदयावली है। द्वितीयावली-उदयावली से ऊपर के आवली प्रमाण काल को '''द्वितीयावली''' या प्रत्यावली कहते हैं।<p class="HindiText"> प्रत्यावली-देखें [[ अपर द्वितीयावली ]]; बंधावली -देखें [[ अचलावली ]]; वृंदावली-(आवली के समय)3।</p> | |||
<p class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ आवली ]]।</p> | |||
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Latest revision as of 14:36, 15 August 2023
गोम्मटसार कर्मकांड अर्थ संदृष्टि/पृष्ठ/24
= उदयावली बहुरि (आबाधा काल भये पीछे) आवली विषैं आवने योग्य समूह तो उदयावली है। द्वितीयावली-उदयावली से ऊपर के आवली प्रमाण काल को द्वितीयावली या प्रत्यावली कहते हैं।
प्रत्यावली-देखें अपर द्वितीयावली ; बंधावली -देखें अचलावली ; वृंदावली-(आवली के समय)3।
अधिक जानकारी के लिये देखें आवली ।