पंडितमरण: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> भक्तप्रत्याख्यान समाधिमरण का एक भेद । इसे चारित्रपूर्वक मरण भी कहते हैं । ऐसे मरण से जीव स्वर्ग प्राप्त करता है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 80. 208 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> भक्तप्रत्याख्यान समाधिमरण का एक भेद । इसे चारित्रपूर्वक मरण भी कहते हैं । ऐसे मरण से जीव स्वर्ग प्राप्त करता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_80#208|पद्मपुराण - 80.208]] </span></p> | ||
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Revision as of 22:21, 17 November 2023
भक्तप्रत्याख्यान समाधिमरण का एक भेद । इसे चारित्रपूर्वक मरण भी कहते हैं । ऐसे मरण से जीव स्वर्ग प्राप्त करता है । पद्मपुराण - 80.208