पंडितमरण
From जैनकोष
भक्तप्रत्याख्यान समाधिमरण का एक भेद । इसे चारित्रपूर्वक मरण भी कहते हैं । ऐसे मरण से जीव स्वर्ग प्राप्त करता है । पद्मपुराण - 80.208
भक्तप्रत्याख्यान समाधिमरण का एक भेद । इसे चारित्रपूर्वक मरण भी कहते हैं । ऐसे मरण से जीव स्वर्ग प्राप्त करता है । पद्मपुराण - 80.208