ज्ञानकल्याणक: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> तीर्थंकरों के पाँच कल्याणकों में चौथा कल्याणक । यह तीर्थंकरों को केवलज्ञान प्राप्त होने पर देवों द्वारा संपादित उत्सव विशेष होता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2. 60 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> तीर्थंकरों के पाँच कल्याणकों में चौथा कल्याणक । यह तीर्थंकरों को केवलज्ञान प्राप्त होने पर देवों द्वारा संपादित उत्सव विशेष होता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#60|हरिवंशपुराण - 2.60]] </span></p> | ||
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Revision as of 15:10, 27 November 2023
तीर्थंकरों के पाँच कल्याणकों में चौथा कल्याणक । यह तीर्थंकरों को केवलज्ञान प्राप्त होने पर देवों द्वारा संपादित उत्सव विशेष होता है । हरिवंशपुराण - 2.60