ज्ञानोपयोग: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> जीव के स्वरूप का एक अंग । यह वस्तु को भेदपूर्वक ग्रहण करता है । इसके मतिज्ञान आदि आठ भेद होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 24.101, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_105#147|पद्मपुराण - 105.147-148]] </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> जीव के स्वरूप का एक अंग । यह वस्तु को भेदपूर्वक ग्रहण करता है । इसके मतिज्ञान आदि आठ भेद होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 24.101, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_105#147|पद्मपुराण - 105.147-148]] </span></p> | ||
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Revision as of 15:10, 27 November 2023
जीव के स्वरूप का एक अंग । यह वस्तु को भेदपूर्वक ग्रहण करता है । इसके मतिज्ञान आदि आठ भेद होते हैं । महापुराण 24.101, पद्मपुराण - 105.147-148