भीमसेन: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) राजा पांडु और कुंती का दूसरा पुत्र । यह युधिष्ठिर का अनुज तथा पार्थ का अग्रज था । <span class="GRef"> महापुराण 70.114-116, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45. 2, 37 </span>देखें [[ भीम#13 | भीम - 13]]</p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) राजा पांडु और कुंती का दूसरा पुत्र । यह युधिष्ठिर का अनुज तथा पार्थ का अग्रज था । <span class="GRef"> महापुराण 70.114-116, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_45#2|हरिवंशपुराण - 45.2]], 37 </span>देखें [[ भीम#13 | भीम - 13]]</p> | ||
<p id="2">(2) आचार्य अभयसेन के शिष्य और जिनसेन के गुरु एक आचार्य । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 66. 29 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) आचार्य अभयसेन के शिष्य और जिनसेन के गुरु एक आचार्य । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_66#29|हरिवंशपुराण - 66.29]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- पुन्नाट संघ की गुर्वावली के अनुसार आप अभयसेन नं. 2 के शिष्य तथा जिनसेन के गुरु थे।–देखें इतिहास - 7.8।
- काष्ठासंघ की गुर्वावली के अनुसार यह लक्ष्मणसेन के शिष्य तथा सोमकीर्ति के गुरु थे। समय–वि. 1506 (ई.1449) देखें इतिहास - 7.9।
पुराणकोष से
(1) राजा पांडु और कुंती का दूसरा पुत्र । यह युधिष्ठिर का अनुज तथा पार्थ का अग्रज था । महापुराण 70.114-116, हरिवंशपुराण - 45.2, 37 देखें भीम - 13
(2) आचार्य अभयसेन के शिष्य और जिनसेन के गुरु एक आचार्य । हरिवंशपुराण - 66.29