सांव्यवहारिक प्रत्यक्ष: Difference between revisions
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<span class="GRef"> स्याद्वादमंजरी/28/321/6 </span><span class="SanskritText"> सांव्यवहारिक द्विविधम् इंद्रियानिंद्रियनिमित्तभेदात् । तद् द्वितयम् अवग्रहेहावायधारणाभेदाद् एकैकशश्चतुर्विकल्पम् ।</span> =<span class="HindiText"> '''सांव्यहारिक प्रत्यक्ष''' इंद्रिय और मन से पैदा होता है । इंद्रिय और मन से उत्पन्न होने वाले उस सांव्यवहारिक प्रत्यक्ष के अवग्रह, ईहा, अवाय और धारणा चार चार भेद हैं । <span class="GRef">( न्यायदीपिका/2/11-12/31-33 )</span> ।<br /> | |||
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Latest revision as of 17:36, 21 February 2024
स्याद्वादमंजरी/28/321/6 सांव्यवहारिक द्विविधम् इंद्रियानिंद्रियनिमित्तभेदात् । तद् द्वितयम् अवग्रहेहावायधारणाभेदाद् एकैकशश्चतुर्विकल्पम् । = सांव्यहारिक प्रत्यक्ष इंद्रिय और मन से पैदा होता है । इंद्रिय और मन से उत्पन्न होने वाले उस सांव्यवहारिक प्रत्यक्ष के अवग्रह, ईहा, अवाय और धारणा चार चार भेद हैं । ( न्यायदीपिका/2/11-12/31-33 ) ।
अधिक जानकारी के लिये देखें प्रत्यक्ष - 1.4।