कूटलेखक्रिया: Difference between revisions
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Revision as of 21:39, 5 July 2020
सत्याणुव्रत का एक अतिचार-जो बात दूसरे ने नहीं लिखायी उसे उसके नाम पर स्वयं लिख देना । हरिवंशपुराण 58.167