अग्निला: Difference between revisions
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<p id="1">(1) मगध देश के शालिग्रामवासी सोमदेव ब्राह्मण की भार्या । इसके दो पुत्र थे― अग्निभूति और वायुभूति शालिग्राम ने आये मुनि | <p id="1">(1) मगध देश के शालिग्रामवासी सोमदेव ब्राह्मण की भार्या । इसके दो पुत्र थे― अग्निभूति और वायुभूति शालिग्राम ने आये मुनि नंदिवर्धन पर उपसर्ग करने की चेष्टा के फलस्वरूप यक्ष द्वारा कीलित अपने पुत्रों को इसने मुक्त कराया था । <span class="GRef"> महापुराण 72. 3-4, 30-32, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 101. 98-126, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 43.100 </span></p> | ||
<p id="2">(2) मगध देश में स्थित अचल ग्राम के घरणीजट ब्राह्मण की गृहिणी । | <p id="2">(2) मगध देश में स्थित अचल ग्राम के घरणीजट ब्राह्मण की गृहिणी । इंद्रभूति और अग्निभूति इसके पुत्र थे । <span class="GRef"> महापुराण 62.325-326 </span>। पपू0 4.194</p> | ||
<p id="3">(3) | <p id="3">(3) चंपापुर नगर के अग्निभूति की पत्नी । इसकी धनश्री, सोमश्री और नागवी तीन पुत्रियाँ थी । <span class="GRef"> महापुराण 72.228-230 </span></p> | ||
Revision as of 16:16, 19 August 2020
(1) मगध देश के शालिग्रामवासी सोमदेव ब्राह्मण की भार्या । इसके दो पुत्र थे― अग्निभूति और वायुभूति शालिग्राम ने आये मुनि नंदिवर्धन पर उपसर्ग करने की चेष्टा के फलस्वरूप यक्ष द्वारा कीलित अपने पुत्रों को इसने मुक्त कराया था । महापुराण 72. 3-4, 30-32, पद्मपुराण 101. 98-126, हरिवंशपुराण 43.100
(2) मगध देश में स्थित अचल ग्राम के घरणीजट ब्राह्मण की गृहिणी । इंद्रभूति और अग्निभूति इसके पुत्र थे । महापुराण 62.325-326 । पपू0 4.194
(3) चंपापुर नगर के अग्निभूति की पत्नी । इसकी धनश्री, सोमश्री और नागवी तीन पुत्रियाँ थी । महापुराण 72.228-230