दिव्या-जाति: Difference between revisions
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<p> भव्यजनों को अर्हत्सेवा से प्राप्त होने वाली चार जातियों में पहली जाति । | <p> भव्यजनों को अर्हत्सेवा से प्राप्त होने वाली चार जातियों में पहली जाति । इंद्र इसी जाति का होता है । <span class="GRef"> महापुराण 39.168 </span></p> | ||
Revision as of 16:24, 19 August 2020
भव्यजनों को अर्हत्सेवा से प्राप्त होने वाली चार जातियों में पहली जाति । इंद्र इसी जाति का होता है । महापुराण 39.168