दिव्या-जाति
From जैनकोष
भव्यजनों को अर्हत्सेवा से प्राप्त होने वाली चार जातियों में पहली जाति । इंद्र इसी जाति का होता है । महापुराण 39.168
भव्यजनों को अर्हत्सेवा से प्राप्त होने वाली चार जातियों में पहली जाति । इंद्र इसी जाति का होता है । महापुराण 39.168