वे परमादी! तैं आतमराम न जान्यो: Difference between revisions
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वे परमादी! तैं आतमराम न जान्यो
जाको वेद पुरान बखानै, जानैं हैं स्यादवादी।।वे. ।।१ ।।
इंद फनिंद करैं जिस पूजा, सो तुझमें अविषादी ।।वे. ।।२ ।।
`द्यानत' साधु सकल जिंह ध्यावैं, पावैं समता-स्वादी ।।वे. ।।३ ।।