जिनवानी प्रानी! जान लै रे: Difference between revisions
From जैनकोष
(New page: जिनवानी प्रानी! जान लै रे<br> छहों दरब परजाय गुन सरब, मन नीके सरधान लै रे।।ज...) |
No edit summary |
||
Line 8: | Line 8: | ||
[[Category:Bhajan]] | [[Category:Bhajan]] | ||
[[Category:द्यानतरायजी]] | [[Category:द्यानतरायजी]] | ||
[[Category:शास्त्र भक्ति]] |
Latest revision as of 01:15, 16 February 2008
जिनवानी प्रानी! जान लै रे
छहों दरब परजाय गुन सरब, मन नीके सरधान लै रे।।जिनवानी. ।।१ ।।
देव धरम गुरु निहचै धर उर, पूजा दान प्रमान लै रे।।जिनवानी.।।२ ।।
`द्यानत' जान्यो जैन बखान्यो, $ अक्षर मन आन लै रे।।जिनवानी.।।३ ।।