रे मन! भज भज दीनदयाल: Difference between revisions
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रे मन! भज भज दीनदयाल
जाके नाम लेत इक छिनमैं, कटैं कोट अघजाल।।रे मन. ।।
परमब्रह्म परमेश्वर स्वामी, देखैं होत निहाल ।
सुमरन करत परम सुख पावत, सेवत भाजै काल ।।रे मन. ।।१ ।।
इंद फनिंद चक्कधर गावैं, जाको नाम रसाल ।
जाको नाम ज्ञान परगासै, नाशै मिथ्याजाल ।।रे मन. ।।२ ।।
जाके नाम समान नहीं कछु, ऊरध मध्य पताल ।
सोई नाम जपो नित `द्यानत', छांडि विषय विकराल ।।रे मन. ।।३ ।।