दिग्गजेंद्र
From जैनकोष
- विदेह क्षेत्र में सुमेरु पर्वत के दोनों और भद्रशाल वन में सीता व सीतोदा नदी के प्रत्येक तट पर दो-दो दिग्गजेन्द्र पर्वत हैं। इनके अंजन शैल, कुमुद शैल, स्वस्तिक शैल, पलाशगिरि, रोचक, पद्मोत्तर, नील ये नाम हैं।–देखें लोक - 3.8।
- उपरोक्त कूटों पर दिग्गजेन्द्र देव रहते हैं।–देखें व्यंतर - 4.5 लोक/3/8 इनके अतिरिक्त रुचक पर्वत के चार कूटों पर भी चार दिग्गजेन्द्र देव रहते हैं।–देखें व्यंतर - 4.5; लोक/4/7।