कर्मनिको पेलै, ज्ञान दशामें खेलै
From जैनकोष
कर्मनिको पेलै, ज्ञान दशामें खेलै
सुख दुख आवै खेद न पावै, समता रससों ठेलै।।कर्म. ।।१ ।।
सुदरब गुन परजाय समझके, पर-परिनाम धकेलै।।कर्म.।।२ ।।
आनँदकंद चिदानँद साहब, `द्यानत' अंतर झेलै।।कर्म.।।३ ।।
कर्मनिको पेलै, ज्ञान दशामें खेलै
सुख दुख आवै खेद न पावै, समता रससों ठेलै।।कर्म. ।।१ ।।
सुदरब गुन परजाय समझके, पर-परिनाम धकेलै।।कर्म.।।२ ।।
आनँदकंद चिदानँद साहब, `द्यानत' अंतर झेलै।।कर्म.।।३ ।।