रोहिणीव्रत
From जैनकोष
प्रतिवर्ष रोहिणी नक्षत्र के दिन उपवास करे। तथा उस दिन वासुपूज्य भगवान् की पूजन तथा नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे। इसका अपरनाम अशोक रोहिणी है। (वसु. श्रा./३६३-३६५); (धर्मपरीक्षा/२०/१९-२०); (व्रत विधान सं./९२)।
प्रतिवर्ष रोहिणी नक्षत्र के दिन उपवास करे। तथा उस दिन वासुपूज्य भगवान् की पूजन तथा नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे। इसका अपरनाम अशोक रोहिणी है। (वसु. श्रा./३६३-३६५); (धर्मपरीक्षा/२०/१९-२०); (व्रत विधान सं./९२)।