Search results
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:रयणसार - गाथा 64 | अगला पृष्ठ ]] ...15 KB (26 words) - 11:57, 17 May 2021
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:युक्त्यनुशासन - गाथा 64 | अगला पृष्ठ ]] ...15 KB (52 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...>( पंचसंग्रह / प्राकृत/4/392-440 )</span>, (पं.सं./सं./4/199-257), (शतक/54-64), <span class="GRef">( धवला 6/146-198 )</span>, <span class="GRef"> ...94 KB (7,374 words) - 22:36, 17 November 2023
- ...के चरणों में आयगा, उसका बंधन तो नीचे हो जायगा और उसका विकास ऊपर हो जायगा । 64 यज्ञ चमर ढोलते हैं । ये भक्ति ...21 KB (83 words) - 16:34, 2 July 2021
- ...1), (भगवती आराधना / विजयोदयी टीका / गाथा 608/805), (तत्त्वार्थसार अधिकार 2/64)।</span></li> ...21 KB (228 words) - 14:39, 27 November 2023
- ...21 KB (66 words) - 17:53, 28 November 2021
- <p> <strong>(64) सम्यक्त्वाचरण का प्रताप</strong> ...20 KB (49 words) - 11:55, 17 May 2021
- ...षायपाहुड़ 1/1,1/15/22/2 )</span>, <span class="GRef">( कषायपाहुड़/1/1,1/46/64/4 )</span> <span class="GRef">( प्रवचनसार / तत्त ...40 KB (781 words) - 14:41, 27 November 2023
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:भावपाहुड - गाथा 64 | पूर्व पृष्ठ ]] ...20 KB (51 words) - 11:56, 17 May 2021
- [[ वर्णीजी-प्रवचन:परमात्मप्रकाश - गाथा 64 | पूर्व पृष्ठ ]] ...19 KB (56 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...पूर्वादि चारों दिशाओं में अशोक, सप्तच्छद, चंपक तथा आम्रवृक्षों के वन हैं।64। वे वन 1,00,000 योजन लंबे और 50,000 यो ...<td width="378" valign="top"><p><span class="HindiText">नंदीश्वर द्वीप के 64 वनों में से प्रत्येक में एक- ...91 KB (8,800 words) - 15:25, 27 November 2023
- ...के उपसर्गे ब्रह्मचर्यस्य गुप्तये। कायकार्श्यतपःप्राणिदयाद्यर्थं चानाहरेत् ॥64॥ </p> ...38 KB (752 words) - 14:40, 27 November 2023
- ...्कालवज्जमाणे वारट्ठिदीए अदित्थियावाहं। समयजुदावलीयाबाहूणो उक्कस्सठिदिबंधो ।64।</p> ...34 KB (279 words) - 22:16, 17 November 2023
- 64/12-22</p> 67/64-65</p> ...132 KB (11,542 words) - 22:21, 17 November 2023
- ...ास्थ्यं समाधिश्च योगश्चेतोनिरोधनम्। शुद्धोपयोग इत्येते भवंत्येकार्थवाचकाः ।64। नाकृतिर्नाक्षरं वर्णो नो व ...116 KB (1,966 words) - 10:01, 16 January 2024
- ...याद में गोटा या चांदी के तार के या और किस्म के चमर बना लेना चाहिए । तो ऐसे 64 यक्ष चमर ढोरते हैं भगवान के । ...57 KB (108 words) - 11:55, 17 May 2021
- ...xt"><strong>विद्याएँ</strong> — वे अक्षर, चित्र, गणित, गंधर्व और शिल्प आदि 64 कलाओं में स्वभाव से ही अतिशय ...100 KB (4,607 words) - 14:40, 27 November 2023
- ...25 KB (61 words) - 11:56, 17 May 2021
- ...67 KB (665 words) - 09:46, 10 January 2024
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