पिया बिन कैसे खेलौं होरी
From जैनकोष
पिया बिन कैसे खेलौं होरी
आतमराम पिया नहिं आये, मोकों होरी कोरी।।पिया. ।।१ ।।
एक बार प्रीतम हम खेलैं, उपशम केसर घोरी।।पिया.।।२ ।।
`द्यानत' वह समयो कब पाऊं, सुमति कहै कर जोरी।।पिया.।।३ ।।
पिया बिन कैसे खेलौं होरी
आतमराम पिया नहिं आये, मोकों होरी कोरी।।पिया. ।।१ ।।
एक बार प्रीतम हम खेलैं, उपशम केसर घोरी।।पिया.।।२ ।।
`द्यानत' वह समयो कब पाऊं, सुमति कहै कर जोरी।।पिया.।।३ ।।