वृत्त: Difference between revisions
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Circle (जं.प./प्र.108); (<span class="GRef"> धवला 5/ </span>प्र.28)–देखें [[ गणित#II.7 | गणित - II.7]]। | Circle (जं.प./प्र.108); (<span class="GRef"> धवला 5/ </span>प्र.28)–देखें [[ गणित#II.7 | गणित - II.7]]। | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p id="1"> (1) पापारंभ के कार्यों में विरक्त होने में सहायक कर्म । ये देव-पूजा आदि छ: होते हैं । इनका आचरण करना वृत्त कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 39.24,55 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) पापारंभ के कार्यों में विरक्त होने में सहायक कर्म । ये देव-पूजा आदि छ: होते हैं । इनका आचरण करना वृत्त कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 39.24,55 </span></p> | ||
<p id="2">(2) पदगत गांधर्व की एक विधि । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 19.149 </span></p> | <p id="2">(2) पदगत गांधर्व की एक विधि । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 19.149 </span></p> | ||
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Revision as of 16:57, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
Circle (जं.प./प्र.108); ( धवला 5/ प्र.28)–देखें गणित - II.7।
पुराणकोष से
(1) पापारंभ के कार्यों में विरक्त होने में सहायक कर्म । ये देव-पूजा आदि छ: होते हैं । इनका आचरण करना वृत्त कहलाता है । महापुराण 39.24,55
(2) पदगत गांधर्व की एक विधि । हरिवंशपुराण 19.149