वृत्त
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
Circle (जंबूदीवपण्णत्तिसंगहो/प्रस्तावना 108); ( धवला 5/ प्रस्तावना 28)–देखें गणित - II.7।
पुराणकोष से
(1) पापारंभ के कार्यों में विरक्त होने में सहायक कर्म । ये देव-पूजा आदि छ: होते हैं । इनका आचरण करना वृत्त कहलाता है । महापुराण 39.24,55
(2) पदगत गांधर्व की एक विधि । हरिवंशपुराण - 19.149