वृतलाभ
From जैनकोष
दीक्षान्वय-क्रियाओं में दूसरी क्रिया । गुरु के चरणों में नमस्कार करते हुए विधिपूर्वक व्रतों को ग्रहण करना वृतलाभ-क्रिया कहलाती है । महापुराण 39.36
दीक्षान्वय-क्रियाओं में दूसरी क्रिया । गुरु के चरणों में नमस्कार करते हुए विधिपूर्वक व्रतों को ग्रहण करना वृतलाभ-क्रिया कहलाती है । महापुराण 39.36