अंबुदावर्त
From जैनकोष
भगली देश का पर्वत । यहाँ चारण ऋद्धिधारी श्रीधर्म और अनंतवीर्य मुनियों का समागम हुआ था । अपने भाई शतबली द्वारा निर्वासित हरिवाहन इसी पर्वत पर इन मुनियों से दीक्षा लेकर सल्लेखना द्वारा ऐशान स्वर्ग में देव हुआ था । हरिवंशपुराण - 60.19-21