आचार्यभक्ति
From जैनकोष
सोलहकारण भावनाओं में एक भावना― आचार्यों में मन, वचन और काय से भावों की शुद्धि के साथ श्रद्धा रखना । महापुराण 63. 327,331, हरिवंशपुराण - 34.141
सोलहकारण भावनाओं में एक भावना― आचार्यों में मन, वचन और काय से भावों की शुद्धि के साथ श्रद्धा रखना । महापुराण 63. 327,331, हरिवंशपुराण - 34.141