आर्यवर्ती
From जैनकोष
हरिवंशपुराण/22/51-73 धरणेन्द्र ने राजा ऋषभदेव की अनुमति से नमि और विनमि को अपनी देवियों अदिति और दिति से सोलह विद्यानिकाय दिलवाईं। उन निकायों में स्थित अनेक विद्याओं में से यह एक विद्याधर विद्या है।
विद्याओं के सम्बन्ध में विशेष जानने हेतु देखें विद्या ।