गुणप्रभा
From जैनकोष
त्रिशृंग महानगर के राजा प्रचंडवाहन की ज्येष्ठा पुत्री । नौ बहिनों के साथ इसका विवाह युधिष्ठिर के साथ करना निश्चित हुआ था किंतु युधिष्ठिर के अन्यथा समाचार मिलने से यह विवाह नहीं हो सका और ये दसों लड़कियाँ अणुव्रत धारण करके श्राविकाएँ बन गयीं । हरिवंशपुराण - 45.95-99