गृहस्थधर्म
From जैनकोष
पांच अणुव्रत, तीन गुणव्रत और चार शिक्षाव्रतों का पालन करना । यह धर्म, शक्ति, तप, दान, और शुभ भावना के भेद से चार प्रकार का होता है । पद्मपुराण - 4.46, पांडवपुराण 1. 123-157
पांच अणुव्रत, तीन गुणव्रत और चार शिक्षाव्रतों का पालन करना । यह धर्म, शक्ति, तप, दान, और शुभ भावना के भेद से चार प्रकार का होता है । पद्मपुराण - 4.46, पांडवपुराण 1. 123-157