ज्योतिष्पटल
From जैनकोष
यह पृथिवी तल से सात सौ नब्बे योजन की ऊँचाई से नौ सौ योजन की ऊंचाई तक एक सौ दस योजन में स्थित है । यह घनोदधि वातवलय पर्यंत सब ओर फैला है । सबसे नीचे तारा-पटल है । उससे दस योजन ऊपर सूर्य पटल, उससे अस्सी योजन ऊपर चंद्र पटल, उससे चार योजन ऊपर नक्षत्र-पटल, उससे चार-योजन ऊपर बुध पटल और उससे तीन-तीन योजन ऊपर चलकर क्रम से शुक, गुरु, मंगल और शनि ग्रहों के पटल है । हरिवंशपुराण - 6.2-26